The best Side of Shodashi
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Tripura Sundari's kind is not merely a visual illustration but a map to spiritual enlightenment, guiding devotees by means of symbols to know further cosmic truths.
Goddess Tripura Sundari Devi, also known as Shodashi or Lalita, is depicted using a wealthy iconography that symbolizes her many characteristics and powers. Her divine type is frequently portrayed as a gorgeous younger girl, embodying the supreme attractiveness and grace of the universe.
॥ इति त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः सम्पूर्णं ॥
The underground cavern incorporates a dome superior earlier mentioned, and scarcely noticeable. Voices echo fantastically off the ancient stone of the walls. Devi sits inside of a pool of holy spring h2o having a Cover excessive. A pujari guides devotees by means of the whole process of spending homage and acquiring darshan at this most sacred of tantric peethams.
On going for walks in direction of her historic sanctum and approaching Shodashi as Kamakshi Devi, her electricity boosts in intensity. Her templed is entered by descending down a dark slender staircase which has a crowd of other pilgrims into her cave-llike abode. There are several uneven and irregular actions. The subterranean vault is very hot and humid and nevertheless There exists a feeling of basic safety and and security during the dim gentle.
चक्रेऽन्तर्दश-कोणकेऽति-विमले नाम्ना च रक्षा-करे ।
यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।
वृत्तत्रयं च धरणी सदनत्रयं च श्री चक्रमेत दुदितं पर देवताया: ।।
भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।
श्वेतपद्मासनारूढां शुद्धस्फटिकसन्निभाम् ।
लक्ष्या या पुण्यजालैर्गुरुवरचरणाम्भोजसेवाविशेषाद्-
यस्याः शक्तिप्ररोहादविरलममृतं विन्दते योगिवृन्दं
Outside of curiosity why her father did not invite her, Shodashi Sati went towards the ceremony Regardless that God Shiva tried warning her.
, the creeper goddess, inferring that she is intertwined along with her legs wrapped about and embracing Shiva’s legs and entire body, as he lies in repose. To be a digbanda, or protective force, she policies the northeastern course from whence she gives grace and protection.